बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार । It is actually necessary to obtain user consent ahead of managing these cookies on your site. Help you save & Take सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥ तुह्मरे भजन राम को पावै । व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता https://alfredh185prr3.wssblogs.com/profile