“शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए “कभी तन्हाई में भी आंसू छलक आते हैं, जिनसे दिल की बात कहें, वही बिछड़ जाते हैं।” मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं दोहरी शक्सियत रखनें से इन्कार है https://youtu.be/Lug0ffByUck